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Exclusive : सीएम ऑफिस चूका या साजिश का शिकार बन गया?

हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष एसएस गुसाईं को लेकर चल रही अंदरुनी राजनीति तो नहीं कारण
शकुन रघुवंशी
फरीदाबाद। कोरोना काल में लगभग हर धंधा मंदा है लेकिन इन दिनों पब्लिक स्कूलों पर छात्रों की फीस न लेने का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दबाव बनाया जा रहा है। इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक ट्वीट ने जैसे बासी कढ़ी में उबाल ला दिया। हालांकि सीएम ऑफिस ने समझदारी दिखाते हुए मामले पर पलस्तर कर दिया, लेकिन सवाल है कि इतनी बड़ी चूक लापरवाही से हुई या सीएम ऑफिस साजिश का शिकार हो गया?
अब घटनाक्रम को समझें। दिनांक 16 अप्रैल को सीएम मनोहर लाल ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट की जिस तेजी से हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में चर्चा हुई, उससे पहले शायद ही सीएम के किसी अन्य ट्वीट की हुई हो। सीएम ने उस ट्वीट में फरीदाबाद के सेक्टर 9 स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल द्वारा छात्रों की तीन महीने की फीस माफ करने की प्रशंसा करते हुए अन्य स्कूलों से भी अनुसरण करने की उम्मीद जता दी। बात यहीं नहीं रुकी। सीएम ऑफिस ने इस बारे में तमाम मीडिया को प्रेस नोट भी जारी कर दिया।
ट्वीट की प्रशंसा बढ़ी तो आवाज डिवाइन स्कूल के संस्थापक एसएस गुसाईं और उनके बेटे व प्रिंसिपल विकास गुसाईं तक भी पहुंची। उन्होंने किसी तरह सीएम ऑफिस से संपर्क कर सही बात रखी। इसके बाद उसी दिन सीएम के पीआर विभाग ने शाम 7.35 बजे जारी प्रेस नोट का संशोधन रात 10.05 बजे पर जारी हो गया और सीएम का ट्वीट भी डिलीट कर दिया। हालांकि अगले दिन कई अखबारों ने पहले वाला ही प्रेस नोट छापा और सोशल मीडिया पर अनगिनत पोस्ट लिखे गए।
लेकिन यह बात इतनी सी नहीं है?
आप इसको इतनी सी बात कहकर अगर खारिज करना चाहते हैं तो कर दीजिए लेकिन ढाई करोड़ जनता वाले प्रदेश में यह बहुत बड़ी बात है। सवाल है कि ढाई करोड़ जनता का नेतृत्व करने वाले सीएम मनोहर लाल की टीम में ऐसे कैसे लोग भर्ती कर लिए हैं जो इतनी बड़ी बात को बिना वैरीफाई किए सीएम के अकाउंट से ट्वीट कर देते हैं और उसके बाद प्रेस नोट भी जारी कर देते हैं। यह सहज प्रेक्टिस है कि सीएम की ओर से जाने वाली हर बात को क्रॉस चैक होना चाहिए। सवाल लाजिमी है कि सीएम की टीम में कहीं नौसिखिए लोग तो भर्ती नहीं कर लिए गए हैं?
ट्वीट का आधार क्या था, वो भी जानिए?
डिवाइन स्कूल के प्रिंसिपल विकास गुसाईं ने बताया कि उन्होंने अगले शैक्षिक सत्र के लिए एक विज्ञापन
बनवाकर डिजिटली प्रचारित किया। जिसमें हैसल फ्री एडमिशन, नो एडमिशन फी, नो एडमिशन टेस्ट सहित अप्रैल मई जून की फीस भी माफ करने की बात लिखी थी।
लेकिन यह सब बाहर से आने वाले छात्रों के लिए प्रचारित किया गया था न कि मौजूदा छात्रों के लिए। बकौल गुसाईं, एडमिशन तो बाहर के छात्रों का ही होता है, न कि मौजूदा छात्रों का। एडमिशन टेस्ट भी बाहर से आने वाले छात्रों का ही होता है। इस बात को सीएम साहब की टीम ने गलत समझ लिया और हमसे क्रॉस वैरीफाई भी नहीं किया। जब इस बारे में हमारे पास फोन आने लगे तो हमने सीएम ऑफिस को बताया, जिसके बाद उन्होंने तुरंत सुधार भी कर लिया।
विकास गुसाईं का कहना है कि उनके संसाधन बेहद सीमित हैं और वह स्कूल खर्च के लिए छात्रों से मिलने वाली फीस पर निर्भर हैं। ऐसे में वह पूरे स्कूल की तीन महीने की फीस माफ करने की सोच भी नहीं सकते हैं।
यहां ऐसा लगता है कि सीएम की टीम से शायद लापरवाही ही हो गई थी?
लेकिन मामले में एक और पेंच भी है।
वास्तव में डिवाइन स्कूल के संस्थापक एसएस गुसाईं का पूरे प्रदेश की शिक्षक बिरादरी में बड़ा सम्मान है। गुसाईं ने स्कूल बनाने के बाद कभी भी ट्यूशन नहीं पढ़ाया और उन्हें प्रिंसिपल्स वाला व्यक्ति कहा जाता है।
फिलहाल गुसाईं हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूल्स कांफ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं जो हजारों स्कूलों
का नेतृत्व करती है। कहा जाता है कि यह प्रदेश के स्कूल्स की सबसे बड़ा संस्था है। सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग अंदरखाने कांफ्रेंस में नेतृत्व परिवर्तन की मुहिम चला रहे हैं। लेकिन वह सफल नहीं हो पा रही है। हालांकि गुसाईं के बेटे विकास का कहना है कि वह अपनी सेहत के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारी छोडऩा चाहते हैं लेकिन उनके शुभचिंतक उन्हें ऐसा करने से रोकते रहे हैं।
आशंका है कि इन परिवर्तनबाजों ने ही सीएम ऑफिस को डिवाइन स्कूल के विज्ञापन को लेकर भ्रम में डाला और वहां से ट्वीट जारी करवाया। इस ट्वीट के बाद पूरी एचपीएससी में अचानक एसएस गुसाईं घिर गए और उनको जवाब तक देते नहीं बना। सूत्रों का कहना है कि गुसाईं की एचपीएससी बैठक में कोई सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ और उनको अपने सही विज्ञापन में भी सुधार करने के लिए बाध्य किया गया। गुसाईं ने नो मंथली फी फ्रॉम अप्रैल 20 से जून 20 के नीचे विद इन ब्रेकैट्स लिखा – इफ ऑलरेडी पेड इन प्रीवियस स्कूल।
आशंका जताई जा रही है कि एचपीएससी में परिवर्तन की लौ जलाने वाले क्रांतिवीरों ने ही इस ऊहापोह की स्थिति को जन्म दिया होगा? हालांकि हमारी सीएम ऑफिस को सलाह है कि इस मामले की अंदरूनी जांच अवश्य ही करवा लें कि यह ट्वीट केवल लापरवाही था या कोई साजिश का हिस्सा था।
आप सुनिए डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल विकास गुसाईं का बयान –
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अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन 20 तक

फरीदाबाद। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग, अन्त्योदय एस.ई.डब्ल्यू.एस द्वारा चलाई जा रही डा. बी आर अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति संशोधित योजना के वर्ष 2022-23 में छात्र / छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र विभागीय वेबसाईट https://schemes.haryanascbc.gov.in पर प्राप्त करने की अन्तिम तिथि 10 फरवरी 2023 निश्चित की गई थी। अब 20 अप्रैल 2023 त्रुटि दूर करके आवेदन पत्रों को ऑनलाइन कर सकते है।
जबकि वर्ष 2022- 2023 में प्राप्त जिन आवेदन पत्रों में त्रुटि पाई गई थी। ऐसे आवेदन पत्रों को त्रुटि के कारण सहित सैंड बैंक कर दिया गया था। ऐसे छात्र / छात्रा अपने सैंड बैंक आवेदन पत्र में दर्शाई गई त्रुटि को https://schemes.haryanascbc.gov.in की ऑनलाइन साईट पर Citizen Login के ऑप्शन पर जाकर स्वयं व सी०एस०सी० सेंटर / अंत्योदय केंद्र के माध्यम से पर सरल आईडी व पासवर्ड 123456 भरकर अपलोड करवाना सुनिश्चित करें।
जिला कल्याण अधिकारी राजबीर शर्मा ने बताया कि इस दौरान यदि कोई भी छात्र / छात्रा अपने आवेदन पत्र की त्रुटि दूर नहीं कर पाया तो उस आवेदन पत्र को निश्चित तिथि के बाद रद्द माना जायेगा। जिनके लिये निम्न विवरण शर्तों का पालन किया जाना है। उक्त योजना के तहत छात्र/छात्रा द्वारा पास की गई कक्षा की मार्कशीट, रिहायशी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता, अगली कक्षा का आई०डी० कार्ड तथा माता-पिता या अभिभावक की 04 लाख से कम का आय प्रमाण होना अनिवार्य है। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
अधिक जानकारी के लिये जिला कल्याण अधिकारी, कार्यालय कमरा न 408-409, चौथी मंजिल लघु सचिवालय सेक्टर 12 में 0129-2285175 पर सम्पर्क करें।
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खेल नर्सरियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल तक

– आवेदन पत्र व नियम- शर्तें विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध
– एक संस्थान में 2 से अधिक नर्सरियां नहीं होगी आवंटित
– संस्थान के पास खेल विशेष का आधारभूत ढांचा व उपकरण हो उपलब्ध
फरीदाबाद । डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा सत्र 2023-24 में सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थानों तथा निजी खेल संस्थानों ,निजी खेल अकादमियां, निजी खेल प्रशिक्षण केन्द्रों में खेल नर्सरियां चलाने के लिए 13 अप्रैल 2023 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं।
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि खेल नर्सरी चलाने के जिला के इच्छुक सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थान तथा निजी खेल संस्थान अपना आवेदन पत्र विभागीय नियम व शर्तों अनुसार 13 अप्रैल तक जिला खेल अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।जिला खेल अधिक देवेन्द्र गुलिया ने बताया कि खेल नर्सरी हेतु आवेदन पत्र तथा नियम व शर्तें विभागीय वेबसाईट haryanasports.gov.in पर अपलोड की गई हैं। निर्धारित तिथि 13 अप्रैल के पश्चात् प्राप्त होने वाले आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे। एक संस्थान में दो से अधिक खेल नर्सरियां आवंटित नहीं की जायेंगी। खेल नर्सरी हेतु केवल वहीं संस्थान आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास खेल विशेष का आधारभूत ढांचा व खेल उपकरण उपलब्ध हों। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में स्थानीय खेल परिसर सेक्टर-12 में स्थित जिला खेल कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।
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जमशेदपुर में हिंसा के बाद इंटरनेट बंद

दो गुटों में पत्थरबाजी और फायरिंग के बाद धारा 144 लागू, सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च
डेस्क | झारखंड के जमशेदपुर में झंडा विवाद पर दो दिन के तनाव के बाद सोमवार को हालात काबू में हैं। सुरक्षा बलों ने सुबह कदमा शास्त्रीनगर ब्लॉक में फ्लैग मार्च किया। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर इंटरनेट बंद कर दिया। इस बीच, पुलिस ने अब तक 60 लोगों को अरेस्ट किया है। रविवार देर रात इस इलाके में फिर माहौल बिगड़ गया। दो गुटों में जमकर पथराव हुआ। मामला बिगड़ा तो एक गुट ने पुलिस पर भी पत्थर फेंके। करीब 8 राउंड फायरिंग भी की। जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की। पत्थरबाजी में ट्रैफिक DSP कमल किशोर समेत कई पुलिस वाले घायल हो गए।
सिटी एसपी के.विजयशंकर ने बताया कि भाजपा नेता अभय सिंह को रविवार को जमशेदपुर में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है। अबतक कुल 57 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 120 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। टीम दुकानों की आग बुझाती हुई।
दरअसल, शनिवार की रात रामनवमी के झंडे के खंभे में मांस का टुकड़ा मिलने को लेकर रविवार रात हनुमान मंदिर में हिंदु संगठनों की बैठक हो रही थी। इसी दौरान एक गुट ने मंदिर में बैठक कर रहे लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पथराव शुरू हो गया। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया। तीन घंटे तक बवाल हुआ।
प्रशासन ने क्या कहा
उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की कोशिश की है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर रख रहा है। अपील है कि किसी भी तरह के अफवाह पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।