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यूथ कांग्रेस का हाथ, नव धनाढ्यों के साथ

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यूथ कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया का अंदरखाते हो रहा भारी विरोध
कहीं रही बची इज्जत भी दांव पर न लगा दे विरोध की चिंगारी

फरीदाबाद। हरियाणा एवं गुजरात में प्रदेश यूथ कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही अंदरखाते विरोध की चिंगारी भी सुलगने लगी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पेट्रोल मूल्यवृद्धि पर भाजपा को घेरने की कोशिश में लगी यूथ कांग्रेस ने सदस्यता शुल्क में 10 गुने की बढ़ोतरी की है। जो बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है और नवधनाढ्यों को राजनीति में स्थापित करने की साजिश है।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं हरियाणा यूथ कांग्रेस के प्रभारी दीपक भाटी चोटीवाला ने बताया कि फिलहाल हरियाणा और गुजरात में कमेटियों के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। कोविड के कारण थोड़ा देरी से लेकिन सदस्यता अभियान को दु्रत गति दी गई है। इसमें कोई भी 18 से 35 वर्ष का भारतीय नागरिक 50 रुपये का शुल्क देकर युवा कांग्रेस का सदस्य बन सकता है। जिसके लिए हम हर जिले में जाकर साथियों में जोश भर रहे हैं। गौरतलब है कि यह शुल्क गत चुनाव में पांच रुपये था।
गरीब कार्यकर्ता तो चुनाव नहीं लड़ पाएगा
यूथ कांग्रेस की स्थापना वर्ष 1960 में की गई थी, तब इसकी सदस्यता का शुल्क 50 पैसे था, जो समय के साथ बढ़ते बढ़ते गत चुनाव तक पांच रुपये और इस बार 50 रुपये हो गया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें दौड़ में बने रहने के लिए हजारों की संख्या में सदस्य बनाने होंगे और यह सर्वविदित तथ्य है कि अधिकांश सदस्यों का शुल्क नेता को खुद ही देना पड़ता है। ऐसे में गरीब कार्यकर्ता तो पदाधिकारी बनने का सपना देख ही नहीं पाएगा।
जिसपे जितनी संख्या भारी, उसपे वैसी जिम्मेदारी
चुनाव की व्यवस्था ऐसी है कि सदस्यता जुटाने की क्षमता के हिसाब से कार्यकर्ताओं को पद दिए जाएंगे। ऐसे में एक अनुमान है कि विधानसभा के लिए कम से कम एक हजार, जिले के लिए पांच हजार और प्रदेश के लिए 10 हजार सदस्यों की संख्या मानक हो सकती है। इससे कम सदस्य बनाने वाले पदाधिकारी बनने का सपना न ही देखें तो अच्छा होगा।
मतलब साफ है कि विधानसभा में पदाधिकारी बनने के लिए 50 हजार, जिले में ढाई लाख और प्रदेश में पांच लाख रुपये जुटाने पड़ सकते हैं।
विरोध के कारण और भी हैं
विरोध का कारण केवल सदस्यता ही नहीं है बल्कि चुनाव नामांकन की फीस भी दोगुना किए जाने से संभावित दावेदार नाराज हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस कैसे महंगाई और मूल्यवृद्धि पर केंद्र सरकार को घेर सकती है जब उसने ही अपनी सदस्यता शुल्क में दस गुने की और नामांकन शुल्क में दोगुनी की वृद्धि की है।
चोटीवाला ने बताया कि विधानसभा स्तर के लिए 1500 रुपये, जिले के लिए 3000 रुपये और प्रदेश के लिए 7500 रुपये शुल्क रखा गया है। हालांकि अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों को इसमें 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। लेकिन संभावित उम्मीदवार कहते हैं कि गरीबी जाति देखकर नहीं आती।
नवधनाढ्यों के लिए है सदस्यता अभियान
एक अनुमान के मुताबिक हरियाणा प्रदेश में सदस्यता का आंकड़ा 10 लाख की संख्या को पार कर सकता है। ऐसे में कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि करोड़ों रुपयों में जुटने वाली रकम के खैवनहार वही नव धनाढ्य होंगे जिनके पास पापा का पैसा तो है लेकिन पद नहीं है। गरीब कार्यकर्ता उनकी दरियों को बिछाने का कार्य पहले की तरह बदस्तूर करता रहेगा।
रिटर्निंग ऑफिसर भी कर रहे काम
अखिल भारतीय कमेटी द्वारा इस चुनाव प्रक्रिया को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए आंध्र प्रदेश के नरसिंह रेड्डी को जोनल रिटर्निंग अधिकारी बनाया गया है। वह कार्यकर्ताओं को वोटिंग, मेंबरशिप आदि का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
प्रदेश टीम में जुडऩे को आतुर
वैसे बता दें कि फरीदाबाद निवासी यूथ कांग्रेस प्रवक्ता पराग शर्मा व प्रदेश सचिव राजेश खटाना व अन्य ऐसे अनेक नाम हैं जो अपना कद बढ़ाना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार यह लोग सदस्यता अभियान में जमकर दम लगा रहे हैं।

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Exclusive : एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगों की लूट का मायाजाल

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जिंदगी बर्बाद करने की धमकी देकर पैसे देने के लिए कर देते हैं मजबूर
उत्तर प्रदेश बिहार के बेरोजगार लडकों ने दुनिया भर में फैलाया ऑनलाइन लूट का कारोबार
व्हाइटमिर्ची डॉट कॉम के अंडर कवर एजेंट ने किया स्टिंग ऑपरेशन

शकुन रघुवंशी
फरीदाबाद। अगर आपको भी दुनिया के पहले जरायम धंधे में स्वाद आता है तो यह खबर आपके लिए ही है। इस बार यदि आप ऑनलाइन देह तलाश रहे हों तो जरा संभल कर रहें। सबसे पहले तो यह कि यह धंधा चूंकि गैरकानूनी है तो आपको कानूनी मदद पाने के लिए बगलें झांकना पड़ सकता है, दूसरा यह कि कोई गारंटी नहीं है कि आपकी रंगीनी आपको कितनी महंगी पड़ सकती है।
व्हाइटमिर्ची टीम को जानकारी मिली थी कि ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस देने वालों के बीच शातिर ठगों ने अपनी पैठ बना ली है। यह वास्तव में हैकर हैं जो आपका नंबर मिलते ही आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में घुस जाते हैं और चुटकियोंं में आपकी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। वह ग्राहक से सौदा कन्फर्मेशन के नाम पर बहुत कम पैसों की मांग करते हैं जो अमूृमन लोग दे बैठते हैं और यहीं से आदमी की गर्दन उनके हाथ आ जाती है।
जैसे ही व्यक्ति ऑनलाइन (यूपीआई के जरिए) पेमेंट करता है, यह हैकर आईपी एड्रेस के जरिए आपका फोन, यूपीआई आदि को हैक कर लेते हैं और, और पैसों की मांग करते हैं। यदि व्यक्ति देने में आनाकानी करता है तो यह सीधे उसे धमकाने पर उतर आते हैं। उसकी जिंदगी बर्बाद करने की धमकी देने लगते हैं। उसके परिवार के न्यूड फोटो सोशल मीडिया पर, एस्कॉर्ट साइट्स पर वायरल करने की धमकी देने लगते हैं। यहां यह नहीं कहा जा सकता है कि आप उनके दबाव में कहां तक जा सकते हैं।
हमारे एक दर्शक ने हमें उसके साथ भी ऐसा कुछ होने की बात बताकर कुछ करने की दुहाई दी। वह स्वयं भुक्तभोगी था और हजारों रुपया लुटाने के बाद किसी प्रकार हाथ पैर जोडक़र ठगों के चंगुल से बचकर निकला था। हमें एक नंबर दिया गया जिसके जरिए हमारे अंडर कवर रिपोर्टर ने संपर्क साधा और एजेंट से एस्कॉर्ट सर्विस की मांग की। एजेंट ने बहुत सामान्य भाषा में नॉमिनल रेट पर सर्विस देने की बात कही। इतनी मीठी जुबान कि कोई भी फ्लैट हो जाए।
15 मिनट में एस्कॉर्ट को भेजने की बात कहकर एजेंट अपनी वर्किंग एथिक्स पर उतर आया और उसने 500 रुपये कन्फर्मेशन के नाम पर मांगे। जब हमारे रिपोर्टर ने उसे एडवांस पैसे देने से मना कर दिया तो वह रिरियाने लगा, दुहाई देने लगा कि आप पहली बार सर्विस ले रहे हैं तो कन्फर्मेशन अमाउंट तो देना ही होगा, सरजी। आप एक बार सर्विस लेंगे तो जिंदगी भर याद रखेंगे। (रखना ही पड़ता, आई एम जोकिंग)


रिपोर्टर ने उस एजेंट को साफ मना कर दिया और एस्कॉर्ट को ही पूरा पेमेंट देने की बात कही। इस पर ठग अपने असली रूप में आ गया और 500 रुपये देकर मामले को रफा दफा करने की बात कहने लगा। रिपोर्टर ने उसे समझाया कि वह पैसे नहीं देगा। इतना कहते ही ठग रौद्र रूप दिखाने लगा।

पुरबिया भाषा में बोला कि तेरा फोटो एस्कॉर्ट सर्विस में डाल रहा हूं और नंबर पुलिस चौकी में भेज रहा हूं। 2 मिनट वेट कर, 500 पेमेंट करके मैटर क्लोज करो नहीं तो मां चु…वा दंूगा, मादर…द। पेमेंट कैसे करेगा, सो बोल, फास्ट। नहीं तो लाइफ बर्बाद करके रख दूंगा। मादर…द।


देखते देखते हैकर ने मोबाइल नंबर (जो कि रिपोर्टर का नहीं बल्कि कंपनी का नंबर था) से सोशल मीडिया पर संबंधित कुछ फोटो व्हाट्सऐप कर दिए। बोला, इज्जत से बोल रहा हूं बेटा पेमेंट करके मैटर क्लोज करो, नहीं तो तुम्हारा मां चु..वा दूंगा। इसके बाद हैकर ने रिपोर्टर के परिवार की महिलाओं के नाम पर बहुत कुछ गंदा गंदा कहा।
हैकर सांस न ले रहा है और न लेने दे रहा है। लगातार धमका रहा है कि पैसे दे, नहीं तो तेरे को इतने कॉल आएंगे दुनिया भर से कि तेरी जिंदगी नरक हो जाएगी। इसके बाद लगातार मोबाइल बजने लगा। बहुत सारे कॉल, अलग अलग नंबरों से आने लगे। मतलब साफ है कि हैकर उर्फ ठग भाई साहब ने माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी।


लेकिन सबसे पहले तो रिपोर्टर को पता था कि यह नंबर उसका नहीं, कंपनी का है। इसलिए इस नंबर पर उसकी कोई जानकारी साझा नहीं है। बहुत ज्यादा दिक्कत हो भी गई तो कंपनी दूसरी सिम ले लेगी। दूसरी बात, हैकर द्वारा भेजे गए फोटो उस नंबर के साथ एसोसिएटड थे, न कि रिपोर्टर के। तीसरी बात, ऐसे हैकर से हम जिंदगी भर लड़ते आए हैं और अब तो पत्रकारिता भी सोशल मीडिया पर ही हो रही है तो कमोबेश जानते हैं कि कौन हमारा कितना बिगाड़ सकता है।
बरहाल, रिपोर्टर ने ठग भाई साहब को कहा कि अब तो आप गए। आपका नंबर हम साइबर क्राइम को दे रहे हैं। वही आपकी कुंडली निकालेंगे। हालांकि वह इसके बाद भी धमकाता रहा।
खबर का लब्बोलुआव यह है कि आप ऐसे अनैतिक कर्मों से बचें और यदि आपकी नीयति ने इन तक पहुंचा ही दिया है तो बिल्कुल भी घबराएं नहीं। डटकर जवाब दें, अपने परिजनों को बताएं और पुलिस की मदद लें। कैसी लगी हमारी प्रस्तुति, जरूर बताएं और हमारे चैनल को अपना सहयोग दें। इसकी खबरों को लाइक करें, खबरों पर कमेंट करें और खबरों को साझा करें। साथ साथ पेज और चैनल को भी फॉलो करें, सब्सक्राइब करें।

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अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन 20 तक

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फरीदाबाद। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग, अन्त्योदय एस.ई.डब्ल्यू.एस द्वारा चलाई जा रही डा. बी आर अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति संशोधित योजना के वर्ष 2022-23 में छात्र / छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए  ऑनलाइन आवेदन पत्र विभागीय वेबसाईट https://schemes.haryanascbc.gov.in पर प्राप्त करने की अन्तिम तिथि 10 फरवरी 2023 निश्चित की गई थी। अब  20 अप्रैल 2023 त्रुटि दूर करके आवेदन पत्रों को ऑनलाइन कर सकते है।
जबकि वर्ष 2022- 2023 में प्राप्त जिन आवेदन पत्रों में त्रुटि पाई गई थी। ऐसे आवेदन पत्रों को त्रुटि के कारण सहित सैंड बैंक कर दिया गया था। ऐसे छात्र / छात्रा अपने सैंड बैंक आवेदन पत्र में दर्शाई गई त्रुटि को https://schemes.haryanascbc.gov.in की ऑनलाइन साईट पर Citizen Login के ऑप्शन पर जाकर स्वयं व सी०एस०सी० सेंटर / अंत्योदय केंद्र के माध्यम से पर सरल आईडी व पासवर्ड 123456 भरकर अपलोड करवाना सुनिश्चित करें।
जिला कल्याण अधिकारी राजबीर शर्मा ने बताया कि इस दौरान यदि कोई भी छात्र / छात्रा अपने आवेदन पत्र की त्रुटि दूर नहीं कर पाया तो उस आवेदन पत्र को निश्चित तिथि के बाद रद्द माना जायेगा। जिनके लिये निम्न विवरण शर्तों का पालन किया जाना है। उक्त योजना के तहत छात्र/छात्रा द्वारा पास की गई कक्षा की मार्कशीट, रिहायशी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता, अगली कक्षा का आई०डी० कार्ड तथा माता-पिता या अभिभावक की 04 लाख से कम का आय प्रमाण होना अनिवार्य है। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
अधिक जानकारी के लिये जिला कल्याण अधिकारी, कार्यालय कमरा न 408-409, चौथी मंजिल लघु सचिवालय सेक्टर 12 में 0129-2285175 पर सम्पर्क करें।

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खेल नर्सरियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल तक

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– आवेदन पत्र व नियम- शर्तें विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध

– एक संस्थान में 2 से अधिक नर्सरियां नहीं होगी आवंटित

– संस्थान के पास खेल विशेष का आधारभूत ढांचा व उपकरण हो उपलब्ध

फरीदाबाद । डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा सत्र 2023-24 में सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थानों तथा निजी खेल संस्थानों ,निजी खेल अकादमियां, निजी खेल प्रशिक्षण केन्द्रों में खेल नर्सरियां चलाने के लिए 13 अप्रैल 2023 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं।

डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि खेल नर्सरी चलाने के जिला के इच्छुक सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थान तथा निजी खेल संस्थान अपना आवेदन पत्र विभागीय नियम व शर्तों अनुसार 13 अप्रैल तक जिला खेल अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं।जिला खेल अधिक देवेन्द्र गुलिया ने बताया कि खेल नर्सरी हेतु आवेदन पत्र तथा नियम व शर्तें विभागीय वेबसाईट haryanasports.gov.in पर अपलोड की गई हैं। निर्धारित तिथि 13 अप्रैल के पश्चात् प्राप्त होने वाले आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे। एक संस्थान में दो से अधिक खेल नर्सरियां आवंटित नहीं की जायेंगी। खेल नर्सरी हेतु केवल वहीं संस्थान आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास खेल विशेष का आधारभूत ढांचा व खेल उपकरण उपलब्ध हों। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में स्थानीय खेल परिसर सेक्टर-12 में  स्थित जिला खेल कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

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