वाह ज़िन्दगी
अमेरिकी भी बोले, गीता पांच हजार साल पुराना ग्रन्थ
whitemirchi.com | desk
चण्डीगढ़| अब अमेरिकी भी भारतीय ज्ञान के कायल हो चले हैं। अमेरिका से आए गीता मनीषी डेविड फराले ने कहा कि गीता का संदेश पांच हजार साल पहले कुरूक्षेत्र में दिया गया था जो आज भी प्रंासगिक है। यह भूमि महान संतों की भूमि है। हरियाणा सरकार भारतीय सभ्यता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां की संस्कृति महान हैं और उन्हें बहुत कुछ सीखने का मिलेगा। उन्होंने कहा कि गीता किसी एक धर्म का ग्रंथ न होकर पूरी मानवता के लिए हैं। वह आज कुरूक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 21वीं शताब्दी में भारत करवट ले रहा है और इसका पुनर्जागरण हो रहा है। आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।प्रो. सोलंकी ने कहा कि आज पूरे विश्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को महत्व मिला है। आज प्रधानमंत्री यदि कुछ बोलते हैं तो उनकी बात पूरी दुनिया में सुनी जाती है। प्रधानमंत्री ने योग की बात कही तो सम्पूर्ण विश्व ने इसे स्वीकार कर लिया और 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बना। हाल ही में विश्व विख्यात टाइम मेगजीन द्वारा करवाए गए एक सर्वे में उन्हें सबसे ज्यादा मत मिले हैं। प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय भी जनता को दिया है और उनकी हाई कमान जनता है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामतीर्थ का कहते थे कि जब मैं चलता हंू तो पूरा देश चलता है और मैं बोलता हूं तो पूरा देश बोलता है। उन्होंने विश्व के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि 17वीं शताब्दी इंग्लैंड की थी, 18वीं शताब्दी फ्रांस की थी, 19वीं शताब्दी जर्मनी की थी, 20वीं शताब्दी अमेरिका की थी, जबकि 21वीं शताब्दी भारत की होगी और इस शताब्दी में पूरा विश्व भारत की ओर देखेगा।
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के शुभारम्भ के अवसर पर देश के कोने-कोने तथा विदेशों से आए विद्वानों और गीता मनीषियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज का यह आयोजन भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता भारत की आस्था है, भारत की पहचान है और भारत का स्वाभिमान है। उन्होंने सभागार में जलते दीपों का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे मन में भी इन दीपों की तरह ही गीता का ज्ञान जल रहा है। उन्होंने कहा कि अक्सर विभिन्न कार्यक्रमों में लोग आते-जाते रहते हैं, लेकिन आज यहां देखने में आया है कि लोग अंदर ही आ रहे है, बाहर कोई नहीं जा रहा और यह इसलिए है क्योंकि ये सभी गीता के लिए दिल से समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मान्यता व स्वीकृति प्रदान की है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को शामिल होना था, लेकिन तमिलनाडू की मुख्यमंत्री सुश्री जयललिता के निधन के कारण यह सम्भव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि भले ही राष्ट्रपति आज न आ पाए हों, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान वे अवश्य आएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि योग ही गीता है। योग का मतलब आप स्वयं को उस शक्ति से जोड़ते हैं, जिसने आपको जन्म दिया। भगवान ने आपको सब कुछ दिया है। आपने धरती पर विजय पाई, आकाश पर विजय पाई और आज तो डिजीटल क्रांति की तरफ बढ़ रहे हैं। इतना होने के बावजूद भी मन को शांति नहीं है और शांति इसलिए नहीं क्योंकि हमें जीवन जीने की कला मालूम नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ही वह भूमि है जहां जीवन जीने की कला बताई गई और यहीं कला पूरे विश्व की आज की आवश्यकता है। भगवान ने हमें जीवन दिया है तो जीने के लिए संदेश भी दिया है और यह संदेश है-श्रीमद्भगवद्गीता। उन्होंने कहा कि भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम के माध्यम से पूरे विश्व को एकात्म और भाईचारे का संदेश दिया है, यहीं विचार कल्याणकारी हैं। उन्होंने कहा कि ये आयोजन पूरे विश्व में शांति स्थापित करने का एक उपक्रम हैं।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। हरियाणा के गठन को 50 वर्ष पूरे चुके हैं लेकिन गीता जयंती कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का यह पहला प्रयास है। आज के इस कार्यक्रम में दर्जनों देशों से सैकडों लोग आए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के गीत, भारत की रीत, भारत की प्रीत, भारत के ज्ञान, भारत के विज्ञान,भारत की शंका और समाधान के रूप में गीता को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि शेक्सपीयर ने अपने आप अपनी बातों को लिखा, मुंशी प्रेमचंद ने गांव-देहात पर लिखा, वर्डसवर्थ ने प्रकृति पर लिखा लेकिन गीता ऐसा पहला ग्रंथ हैं जो युद्ध के मैदान में लिखा गया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि आज से 5153 वर्ष पूर्व महाभारत के युद्ध का शंखनाद हो चुका था। मोह तथा शोकग्रस्त अर्जुन अपने कर्तव्य पथ से विचलित हुए तो भगवान श्री कृष्ण ने उनके माध्यम से संपूर्ण मानव जाति के लिए गीता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं अर्जुन के भीतर थी वहीं समस्याएं आज हमारे भीतर हैं। उन्होंने कहा कि जब किसी कारण से कर्तव्यनिष्ठा बाधित होती तो उसी के लिए गीता है। गीता संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि गीता सिर्फ सेवानिवृत्त लोगों और संतों व संन्यासियों के लिए ही नहीं बल्कि गीता युवाओं की ऊर्जा है, गीता बच्चों का संस्कार हैं, गीता राष्ट्र का सम्मान हैं और गीता समूची मानवता की मुस्कान है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन एक सार्थक प्रेरणा देने का कार्य करेगा।
कार्यक्रम में मौलाना काकोब मुजतबा आब्दी ने कहा कि गीता एक पवित्र किताब हैं और उन्होंने इसके पूरे 18 अध्याय और श्लोक पढे हैं। उन्होंने कहा कि इसके एक लफ्ज को समझने के लिए पूरा जीवन लग जाता है। उन्होंने कहा कि पवित्र गीता एक इलाके की किताब नहीं बल्कि पूरी दुनिया इसमें समायी हुई है। इसका रहमत, हिदायत जैसे कई नाम हैं। उन्होंने कहा कि इस किताब का एक एक श्लोक इतना आला है कि कलाम को बुलंद करता है। किताब के देने में कमी नहीं हैं हमारे लेने मेें कमी है। उन्होंने कहा कि गीता पूरी कायनात को अपने में समेटे हुए हैं। मौलाना ने उर्दू का एक शेर पढते हुए कहा- जाने कैसे दिलों में दूरी हैं, जिंदगी आज भी अधूरी है, वक्त आवाज दे रहा है एक होना जरूरी है।
अमेरिका से आए हुए गीता मनीषी भाई सतपाल सिंह ने कहा कि गीता केवल हिन्दुओं का ग्रंथ नहीं हैं यह पूरी मानव जाति के लिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरी गीता में मनुष्य और हिन्दू शब्द नहीं मिलेगा क्योंकि हर चीज में गीता समाहित है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मगुरुओं और वैज्ञानिकों ने गीता को पढा हैं। उन्होंने कहा कि अल्बर्ट आइंस्टाईन नास्तिक थे परंतु गीता पढने के बाद उनका दृष्टिकोण ही बदल गया। उन्होंने कहा कि एप्पल के संस्थापक स्टीव जोब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने भी गीता से प्रेरणा ली है।
एकल विद्यालय से श्री श्याम गुप्ता ने कहा कि गीता का संदेश दो मित्रों की चर्चा है। यह संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन के माध्यम से पूरी मानवता को दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के 574 जिलों से आए गीता प्रतिनिधि कुरुक्षेत्र से धर्म, कर्तव्य, प्रेम और भाईचारे का संदेश लेकर जाएंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम की शुरूआत में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सुश्री जयललिता के निधन पर दो मिनट का मौन भी रखा गया। उनके निधन के कारण आज के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, एकल विद्यालय से श्री श्याम गुप्ता, अमेरिका से आए हुए भाई सतपाल सिंह, मौलाना कोकाब मुजतफा, अमेरिका से आए हुए डेविड फराले, हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी.एस. ढेसी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा सरकार के मंत्री, सांसद और विधायकों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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आप गली गली हनुमान चालीसा क्यों पढ़ रहे हैं?
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7400 वें हनुमान चालीसा और राजनीति का आपस में क्या कोई रिश्ता है
7400 वें हनुमान चालीसा और राजनीति का आपस में क्या कोई रिश्ता है | WhiteMirchi
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स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज से मिले
फरीदाबाद। जय बद्रीविशाल सेवा सदन समिति के फरीदाबाद जिलाध्यक्ष अमर बंसल छाडिया की अगुवाई में अन्य सदस्य स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज(अयोध्या वाले) से वृंदावन जाकर मिले और उनसे आशीर्वाद लिया तथा उन्हें रामेश्वरम धाम मे होने जा रही श्री राम कथा के लिए भी आमत्रंण दिया इस मौके पर अमर बंसल ने बताया कि पुज्य स्वामी राघवाचार्य जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के भी गुरूजी है और उनकी पारिवारिक कथा भी वे ही करते है। उन्होनें बताया कि पिछले साल बद्रीनाथ जी धाम मे जो सबसे पहली भागवत कथा हुई थी वह उन्हीें के सानिध्य में हुई थी। इस वर्ष दूसरी श्री राम कथा सितम्बर माह मे रामेश्वरम धाम मे उन्हीें के सानिध्य में होने जा रही है। इस कथा मे भी देश के कोने कोने से लगभग 150 परिवार कथा सुनने के लिए रामेश्वरम धाम पहुंचेगे। श्री बसंल ने बताया कि जय बद्रीविशाल सेवा सदन समिति, का लक्ष्य चारो धाम पर कथा करवाने का है। इस मौके पर रान्ती देव गुप्ता,अनूप गुप्ता,प्रेम पसरीजा,सतीश गर्ग,अनिल गर्ग,सुरेश गोयल,कैलाश शर्मा सेक्टर-11 व दिनेश गोयनका उपस्थित थे।