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ऐसे ही पिटते रहेंगे बिहारी और पुरबिए?
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हमें आए दिन कभी इस राज्य कभी उस राज्य से ऐसी सूचनाएं मिलती रहती हैं कि प्रवासियों को पीट दिया, मार दिया, भगा दिया। कभी महाराष्ट्र में ठुकाई होती है कभी गुजरात में पिटाई होती है। बड़ी हिकारत की निगाह से बिहार और यूपी के लोगों को देखा जाता है। लेकिन ये लोग वहां के स्थानीय सरकारों और वहां के स्थानीय लोगों के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हैं। मैं जानना चाहता हूं कि इसमें उन स्थानीय लोगों का क्या दोष है। आपने कभी सोचा है बिहार और यूपी से इतने बड़े बड़े नेता लालू प्रसाद यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह, नीतीश कुमार, मायावती, अखिलेश यादव, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, शरद यादव, जॉर्ज फर्नांडिस इतने बड़े बड़े नेता इस देश को मिले। इन लोगों के राज्यों यानि यूपी और बिहार से लोग दूसरे राज्य में क्यों जाते हैं और ₹5000 में पूरा पूरा महीना मजदूरी करते हैं। लोगों की गाली सुनते हैं, अपमान सहते हैं, बेइज्जती करवाते हैं, मार खाते हैं।
जारी है रियासत, एक बार फिर दिल्ली और हरियाणा आमने-सामने
मैं यह पूछना चाहता हूं कि यूपी और बिहार के पास क्या नहीं है, या क्या नहीं था। राम यहां पैदा हुए, कृष्ण यहां पैदा हुए, गौतम बुद्ध यहां पैदा हुए, महावीर जैन यहां पैदा हुए। कहते हैं कि जब प्रलय आएगी तो काशी नहीं डूबेगी। काशी यूपी में है। कहते हैं कि तर्पण गया में किया तो आत्मा को मुक्ति मिलती है। गया बिहार में है। कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा है। राम की जन्मभूमि अयोध्या है। विश्व का सबसे पहला और सबसे विशाल विश्वविद्यालय नालंदा बिहार में है। यहां गंगा जमुना है। तो इन राज्यों के लोगों को दूसरे राज्यों में जाकर क्यों इतनी जलालत सहनी पड़ रही है। इन मुद्दों पर इन राज्यों के नेता भी केवल राजनीति करते हैं। अगर राज ठाकरे महाराष्ट्र में और अल्पेश ठाकुर गुजरात में बिहार और यूपी के लोगों को गाली देते हैं तो क्या गलत करते हैं। कभी सोचा है आप अपने घर में दुरुस्त नहीं हैं, आपके घर का कनस्तर खाली है, आप दूसरे के कनस्तर पर हिस्सेदारी करना चाहते हैं।
मैं फिर कह रहा हूं कि बात यूपी बिहार के लोगों की केवल दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करने या विवादों के बारे में नहीं है यह बात है कि यूपी बिहार वह साधन क्यों नहीं उत्पन्न कर पाती जिससे उनकी छवि दूसरे राज्यों में उनके संसाधनों पर उनके हक पर डाका डालने वालों की बन रही है। मैं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बोल रहा हूं बिहार के लोग दिल्ली में, हरियाणा में अपने बिहारी नेताओं के खिलाफ एक शब्द सुनने को तैयार नहीं है जबकि इन नेताओं ने उनके लिए रोजी रोटी शिक्षा सामाजिक सुरक्षा आदि के मुकममल उपाय नहीं किए। आपके हालात के लिए वही नेता जिम्मेदार हैं जिनके खिलाफ आप एक शब्द तक सुनना पसंद नहीं करते। मेरा काम था कहना। आप सोच सकते हैं तो सोचिए, समझ सकते हैं तो समझिए, कुछ करने लायक है तो करिए।
लेकिन चुप न बैठिए।
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आप गली गली हनुमान चालीसा क्यों पढ़ रहे हैं?
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7400 वें हनुमान चालीसा और राजनीति का आपस में क्या कोई रिश्ता है
7400 वें हनुमान चालीसा और राजनीति का आपस में क्या कोई रिश्ता है | WhiteMirchi
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आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए बचाएं जल – प्रभाकर
– हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा ने किया तालाब के पुर्नउद्धार कार्य का क्रमवार निरीक्षण
फरीदाबाद। हरियाणा सरकार पूरी गंभीरता के साथ कार्य करते हुए जल संरक्षण की दिशा में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर प्रयास कर रही हैं। यह प्रयास तभी सार्थक होंगे जब ज्यादा से ज्यादा आमजन इसमें अपना योगदान देंगे। हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा ने आज मंगलवार को धौज, तिगांव, छांयसा, और हीरापुर के गावों के तालाब के पुर्नउद्धार कार्य का क्रमवार निरिक्षण किया।
उन्होंने कहा कि जिला फरीदाबाद में 75 तालाबों का अमृत सरोवर योजना के तहत पुर्नउद्धार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी गांवों के ऐसे तालाब चयनित किए हैं जो खत्म होते जा रहे हैं। इसके तहत शुरुआती चरण में प्रदेश के प्रत्येक जिला में 75 तालाबों का पुर्नउद्धार किया जाएगा। इसी के तहत धौज, तिगांव, छांयसा, और हीरापुर के गावों के तालाब को भी चयनित किया गया है। इन तालाबों के चारों तरफ सुंदर पगडंडी बनाई जाएगी और इसके चारों तरफ घूमने के लिए ट्रैक होगा, लाइट लगाएंगे, पौधारोपण भी किया जाएगा। यह तालाब गांव के विकास में फिर से अपना योगदान देगा। हम सबको सामूहिक रूप से सभी को मिलकर तालाबों के उद्धार का जिम्मा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल है तो जीवन है और ग्रामीणों से अपील है कि वह गांव के तालाबों में गंदगी न फैलाएं। जल संरक्षण आने वाले समय की आवश्यकता है तथा हर स्तर पर जल का समुचित उपयोग करने पर अभी से बल देना होगा तभी हम भावी पीढ़ी के लिए जल बचा सकेंगे। हरियाणा सरकार स्थायी जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी को जल संरक्षण के साथ-साथ जल प्रबंधन पर भी विचार करना होगा।
उन्होंने गावों के सरपंचो से कहाकि वह अपने गावों में एक नई प्रथा चलाए गांव के किसी भी व्यक्ति के घर शादी हो या किसी से बच्चे का जन्मदिन तो उनके नाम से एक पेड़ लगवाए और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें दे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए की तालाबों पर अवैध अतिक्रमण ना होने दे और पुर्नउद्धार कार्य को समयानुसार पूरा करें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी श्रुति, एसडीओ सुरेंदर सिंह, सरपंच शहीद, सरपंच वेद प्रकाश, तारीफ़ खान, शाकिर एहमद सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।