रूह-ब-रूह
करोना से हार गए सुरों के बंधु विश्वबंधु
फरीदाबाद| विजय रामलीला कमेटी के पूर्व चेयरमैन व निर्देशक विश्वबंधु शर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए। वह पिछले 7 दिनों से फरीदाबाद एन.आई.टी. के ई.एस.आई अस्पताल के आई.सी.यू. में करोना से जंग लड़ रहे थे| लेकिन हरि इच्छा से बन्धु जी ने जंगलवार सुबह 7 बजे इस नश्वर शरीर को छोड़ दिया। विजय रामलीला कमेटी के महासचिव सौरभ कुमार ने बताया कि विश्वबन्धु जी तीन तीन घण्टे निरंतर रयास किया करते थे और घंटों एक ही स्थान पर बैठ कर रामायण के श्री सुंदरकांड का पाठ वो सालों से करते आ रहे थे| जिस से उनके लंग्स बहुत स्ट्रांग थे इसलिए वेंटीलेटर पर जाने के बाद भी उन्होंने पूरे दम से ये लड़ाई लड़ी और 7 दिनों से वो इस दर्द को झेल रहे थे।
विश्वबंधु जी पिछले 56 बरसों से विजय रामलीला कमेटी का अभिन्न अंग रहे हैं| कमेटी का कहना है कि विजय रामलीला का मंच उनकी आवाज़ के बिना अकल्पनीय है। उन्होंने राम और सीता का रोल करीब 30 बरस किया| गन्धर्व महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रामायण को संगीतमय ढंग से प्रदर्शित करने की दिव्य कला के वह स्वामी थे। संस्था में केशियर, महासचिव, निर्देशक से लेकर चेयरमैन पद तक सभी पर कार्यरत रह कर व समय समय पर अपनी सेवायें देते रहे हैं| कमेटी आज ऐसी महान आत्मा को शत शत नमन करती है और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के इस सेवक को उनकी शरण प्राप्ति हो, ऐसी कामना करती है।
विश्वबंधु जी से जुड़े रहे उनके पडोसी राजेश शर्मा ने बताया कि वह सभी के लिए सहयोगी थे| वह सभी के कार्यों में मदद करने पहुँच जाते थे| सेक्टर में वह एक पिता की भूमिका में दिखते थे| एक बार हमारे यहाँ जागरण में सुबह से लेकर अगले दिन सुबह तक एक आयोजक की तरह चिंता करते रहे| हमने एक बड़ी विरासत खो दी|