whitemirchiexclusive
टिक टोक को लेकर अमेरिका भी परेशान

whitemirchiexclusive
केंद्र सरकार इस बार कुछ नए तरीकों से मनाएगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती का जन्मदिन हर साल 23 जनवरी को भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में नेताजी के जज्बे को याद करने और उनका सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।यह दिन भारत के क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी के जन्म की श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता और अपने राष्ट्र के सम्मान के लिए लड़ते हुए बिताया दिया था ।
23 जनवरी1897 को ओडिशा के कटक में वकील जानकीनाथ बोस के घर में सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था | सुभाष चंद्र बोस बहुत साहस और इच्छाशक्ति रखने वाले व्यक्ति थे | नेताजी एक सच्चे देशभक्त व्यक्ति थे | उनकी देशभक्ति का एक उदहारण उनके कॉलेज के दिनों में से देखने को मिलता है जहां उन्होंने राष्ट्रवादी गतिविधियों में भाग लेने और प्रदर्शन करने के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष में उनकी प्रतिमा को माला पहनाकर व भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की मेजबानी, और स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ।
लकिन इस बार नेताजी की जयंती को कुछ खास तरीकों से मनाया जायगा| इस वर्ष, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती को “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया है ताकि देश को उनकी “नि: स्वार्थ सेवा” का सम्मान मिले।
इतना ही नहीं, बल्कि रेल मंत्रालय ने हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर “नेताजी एक्सप्रेस” रखने का भी फैसला किया है क्योंकि उसके ‘प्रक्रम’ ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर डाल दिया था।
whitemirchiexclusive
16 जनवरी से हरियाणा में शुरू होगा वैक्सीनेशन, जानिए कब किसको मिलेगी डोज

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके तहत राज्य के तीन वर्गों के करीब 67 लाख लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण किया जाएगा।
श्री विज ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों तथा 50 से कम आयु के शुगर, हार्ट इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। इनमें हरियाणा के हेल्थ केयर वर्कर की संख्या दो लाख होगी जबकि फ्रंटलाइन पर काम करने वाले वर्कर्स लगभग 4.50 लाख होंगे। फ्रंटलाइन वर्कर्स में निकाय कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिस, सिविल डिफेंस के कर्मचारी, जेल का स्टाफ तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल होंगे। इसी प्रकार 50 वर्ष से अधिक लोगों की संख्या 58 लाख होगी जबकि 50 वर्ष से कम आयु के अन्य बीमारियों से पीडि़त करीब सवा दो लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दौरान हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन के लिए हरियाणा में 107 सेशन साइट रहेंगी, जिन्हें बाद बढाकर 700 किया जाएगा। इन साइट्स पर प्रदेश के करीब दो लाख हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण होगा। इसके लिए 5044 वैक्सीनेटर ने स्वयं को को-विन पर पंजीकृत किया है। इसी प्रकार 765 जन स्वास्थ्य सुविधाएं, 3634 प्राइवेट हेल्थ फैसिलिटी का पंजीकरण हुआ है। ऐसे ही 1005 सुपरवाइजर और 18921 सोशल साइट्स को-विन पर पंजीकृत हुए हैं।
श्री विज ने बताया कि प्रदेश में कोल्ड चेन को कायम रखने की उचित व्यवस्था है। कोविड-19 की वैक्सीन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक राज्यस्तरीय वैक्सीन स्टोर बनाया गया है। इसके अलावा हिसार, गुरुग्राम, रोहतक और कुरुक्षेत्र में क्षेत्रीय वैक्सीन सेंटर रहेंगे। राज्य के सभी 22 जिलों में जिला वैक्सीन स्टोर होंगे, इतना ही नहीं हरियाणा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक 659 कोल्ड चैन पॉइंट बनाए गए हैं। हरियाणा के सभी जिलों में 22 इंसुलेटेड वैक्सीन वैन उपलब्ध रहेंगी तथा कोविड-19 के लिए सूक्ष्म योजना (माइक्रो प्लान ) तैयार की गई है जो कि सभी जिलों में प्रेषित कर दी गई है।
whitemirchiexclusive
पंजाब के किसानों को ही क्यों है इतनी भड़क?

जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश, बिहार में हंै सबसे अधिक किसान।
वो लोग क्यों नहीं कर रहें हैं आंदोलन?
आपको बता दें कि सरकार ने 2020 में किसानों के लिए तीन विधेयक पास किए हैं-
ऽ पहला विधेयक जिसमें कृषि उत्पादन और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा विधेयक2020- इसका उद्धेश्य होता है कि एपीएमसी मार्केट यार्डस के बाहर टृेडिंग के अलावा किसानों के लिए अवसर पैदा करता है ताकि किसानों को अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण पारिश्रमिक मूल्य मिल सके।
ऽ दूसरा विधेयक मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक2020 पर किसान सश्कतीकरण और संरक्षण समझौता शामिल है- इसके अनुसार किसान और खरीदार के बीच किसी भी उपज के उत्पादन से पहले एक समझौते के माध्यम से अनुबंध कृषि के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है।
ऽ तीसरा विधेयक जिसमें आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 शामिल है- इसके अर्तंगत केंद्र सरकार को केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में खाद्य पदार्थाें की आपूर्ति करने की अनुमति मिलती है।
अध्यादेशों पर किसानों की प्रतिक्रिया-
किसान यूनियन और विपक्षी दलों का दावा है कि इन अध्यादेशों से न केवल एमएसपी खत्म हो जाएगी बल्कि सीमांत किसानों व कमीश्न एजेंटो को भी कुचल दिया जाऐगा। इसलिए पंजाब ने भारत सरकार से एक कानून बनाने का आग्रह किया था।
जिसमें केंद्र को ‘नगद ऋण सीमा सीसीएल‘ के प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार द्धारा भेजे गए गेंहू और धान को एक दशक तक खरीदना होगा। परंतु इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया है।
केंद्र सरकार की इस प्रतिक्रिया को देखते हुए किसानों का कहना है कि भारत सरकार आने वाले कुछ सालों में एमएसपी पर फसलों की खरीद बंद कर देगी। सूत्रों के अनुसार जब पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारी से पूछा गया तो उसने कहा कि अगर केंद्र अपने बयानों के प्रति ईमानदार था तो एमएसपी पर एक कानून बनाना चाहिए। परंतु सरकार का आश्वासन है कि एमएसपी को वापस
नहीं लिया जाएगा और किसान अपनी उपज को निजी कपनियों को बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।