खास खबर
खट्टर ने दी प्रदूषण पर ओछी राजनीती न करने की नसीहत

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ दूरभाष पर बातचीत में उनसे यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया ताकि एनसीआर में इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए विभिन्न संगठनों और सरकार के समन्वित प्रयासों से एक कारगर रणनीति तैयार की जा सके।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जारी जन स्वास्थ्य आपातकाल हम सब के लिए गम्भीर चिंता का विषय है। लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए, इस समस्या के समाधान के लिए सभी हितधारकों द्वारा एक अति संवेदनशील और उत्तरदायी ढंग से समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार करना किसी एक व्यक्ति, संगठन या सरकार के वश की बात नहीं है, इसलिए इस गम्भीर स्थिति पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अपने आप में चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से व्याप्त भयंकर प्रदूषण से पीडि़त लोगों को जल्द राहत पहुंचाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।
इस बातचीत को एक पत्र के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए, श्री मनोहर लाल ने कहा कि सम्बन्धित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और पर्यावरण मंत्रियों की बैठक से इस गम्भीर स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना और संयुक्त रणनीति बनाने तथा लोगों की पीड़ा और कठिनाई को दूर करने में मदद मिलेगी।
खास खबर
बतौर अध्यात्मिक वक्ता सम्मानित हुए पत्रकार शकुन रघुवंशी

फरीदाबाद। सेक्टर 12 स्थित एचएसवीपी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर श्री सिद्धदाता आश्रम को दो-दो सम्मान प्राप्त हुए। यह सम्मान केंद्रीय राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने प्रदान किए।
इनमें एक सम्मान पत्रकार शकुन रघुवंशी को बतौर अध्यात्मिक वक्ता प्राप्त हुआ| शकुन रघुवंशी श्री सिद्धदाता आश्रम के गत 18 वर्षों से मानद संपादक भी हैं|वह बतौर पत्रकार गत 22 वर्षों से प्रिंट मीडिया में सक्रिय हैं और वर्तमान में आज समाज अखबार में फरीदाबाद ब्यूरो प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वह दैनिक जागरण, नई दुनिया, नवभारत टाइम्स, पब्लिक एशिया, सान्ध्य महालक्ष्मी, इन दिनों आदि समाचार पत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
आज गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर श्री सिद्धदाता आश्रम के स्टॉल पर पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर का मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया गया। आश्रम में पढऩे वाले वेदपाठी छात्रों के सस्वर उच्चारण से मंत्रीजी काफी प्रसन्न दिखे। कार्यक्रम समापन अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री ने श्री सिद्धदाता आश्रम की भागीदारी को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने आश्रम को विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता और सेमिनार में वक्ताओं की श्रेणी में दो अवार्ड दिए। उनसे यह अवार्ड आश्रम के मानद संपादक शकुन रघुवंशी ने प्राप्त किए। कार्यक्रम समापन कार्यक्रम में भी आश्रम के वेदपाठी छात्रों ने सस्वर 18 श्लोकों में गीता की मुख्य शिक्षाओं को प्रस्तुत कर सभी को मोह लिया।
खास खबर
मुस्लिम द्वारा हिन्दू आचरण को कुफ्र मानता है इस्लाम !

फरीदाबाद। जिस प्रकार अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ‘सुन्नी धर्मशास्त्र’ विभाग में शिया व्यक्ती की नियुक्ति नहीं हो सकती और ‘शिया धर्मशास्त्र’ विभाग में सुन्नी व्यक्ति नियुक्त नहीं हो सकती । तो हिन्दू विश्वविद्यालय में हिंदु तत्त्वज्ञान सिखाने के लिए मुसलमान प्राध्यापक की नियुक्ती कैसे की जा सकती है ? ‘काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ यह हिंदुआेंको वैदिक शिक्षा देनेवाला विद्यापीठ है । इसलिए इस विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या और धार्मिक विज्ञान विभाग में की गई डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति तत्काल निरस्त की जाए तथा डॉ. खान की इस विभाग में नियमबाह्य नियुक्ति करनेवाले दोषीआें पर कारवाई हो, ऐसी मांग हेतु हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । समिती के सुरेश मुंजाल ने यह मांग की है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र विभाग के भवन पर एक शिलालेख आरंभ से है । उस पर लिखा है कि, कर्मकांड केवल हिन्दू शिक्षक सिखाएंगे । एक मुसलमान की नियुक्ती से पहले विश्वविद्यालय के इस नियमावली को प्रशासन ने ध्यान क्यो नही दिया ? खान की नियुक्ति जिस पद की गयी है वह संस्कृत शिक्षक का नहीं; अपितु हिन्दू धर्मशास्त्र (थिऑलॉजी) सिखानेवाले आचार्य का है । इसमें धर्मशास्त्र के सिद्धांत और कर्मकांड का गहन ज्ञान तथा सर्व कर्मकांड स्वयं आचरण में लाना भी आवश्यक है । इस्लाम के अनुसार हिंदु कर्मकांड का आचरण करना ‘कुफ्र’ (निषेधार्ह) माना गया है, अर्थात् डॉ. फिरोज खान वैदिक कर्मकांड का आचरण नहीं कर सकते । साथ ही अवैदिक व्यक्ति यज्ञ नहीं कर सकता । यज्ञ और संबंधित कर्मकांड करने के लिए वैदिक होना आवश्यक होता है; परंतु डॉ. फिरोज खान मुसलमान हैं । उनके धर्मानुसार यज्ञ ‘हराम’ है । इसलिए हिन्दू जनजागृती समिती मांग करती है की, इस विश्वविद्यालय के सभी नियमो का पालन होने हेतु हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार आचरण करनेवाले कुलगुरु की नियुक्ति की जाए । इसी के साथही हाल ही मे विश्वविद्यालय मे कुछ राष्ट्र एवं धर्म की हानी करनेवाली अन्य भी घटनाए हुई है, उस विषय को भी गंभीरता से लेना आवश्यक है । इसमे एक वीर विनायक दामोदर सावरकरजी की प्रतिमा को तोडकर उसे विद्रूप करनेवाले विद्यार्थियों पर तत्काल कठोर कारवाई की जाए, और दुसरा बीए के नए सत्र से रामायण, महाभारत और वैदिक पाठ्यक्रम हटाने के प्रकरण में दोषींओ को तत्काल निलंबित कर पाठ्यक्रम को पूर्ववत किया जाए, ऐसी हम मांग करते है ।
खास खबर
शिक्षाविद सतीश फोगाट लंदन की संसद में सम्मानित

यू .के., इंग्लैंड स्थित लंदन की संसद (हाउस ऑफ़ कॉमन्स) में हरियाणा प्रदेश के फरीदाबाद जिला स्थित फौगाट पब्लिक सी. सै. स्कूल के निदेशक सतीश फौगाट को प्रमाण पत्र एव ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान करने वाले किरदारों को दिया गया। पुरस्कार/ अवॉर्ड भारत देश व अन्य देशों से आए शिक्षाविदों को दिया गया। इस मौके पर हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के लॉर्ड डूब्स, बेरोनैस थॉमटन आध्यात्मिक गुरु व इस्कॉन संस्था के ट्रस्टी गुरु गौर गोपाल दास, सी.बी.एस.ई. के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज, क्षेत्रीय अधिकारी मनीष अग्रवाल, निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा, इंटेलीजेन्ट माइंडस ट्रस्ट के ट्रस्टी राजेश बजाज, ओमान से सिद्दीकी हसन, सूरत से चुन्नीभाई गजेरा, रबिन्द्र, कुवैत से डॉ. अनीस अहमद, पुणे से जितेंदर सिंह, जालंधर से फादर अंटोनी, लखनऊ से डॉ भारती गाँधी आदि उपस्थित थे। श्री सतीश फौगाट जी को इस अवसर पर बोलने का मौका मिला तो उन्होंने भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की झलक जो अपने वक्तव्य से छोड़ी, सभी उसके कायल हो गए । उन्होंने अपना सम्बोधन भगवान श्री कृष्ण को याद करते हुए संस्कृत वाणी में “कर्मण्ये वा धिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ” सूक्ति से किया और कर्मवाद पर आधारित भाषण दिया। उपस्थितजनो ने इंग्लैंड धरती पर भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की झलक दिखाने वाले श्री फौगाट जी को सराहा। अवॉर्ड समारोह से एक दिन पूर्व लंदन स्थित सेंट स्टीफन स्कूल की शैक्षिक यात्रा की गई। पढ़ाई खासतौर से क्रियाकलाप आधारित थी और टेबलेट से पढ़ाई कराई जा रही थी। पढ़ाई का समय सप्ताह के पांच दिन और स्कूल में ही सभी बच्चो के लिए लंच की व्यवस्था थी। प्रत्येक कक्षा में एक मुख्य अध्यापिका व एक सहायक अध्यापिका समेत 2 टीचर थे। ज्ञात रहे कि लंदन में सभी नागरिकों के बच्चों की पढ़ाई व स्वास्थ्य सम्बन्धी खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है ।
-
खास खबर4 days ago
बतौर अध्यात्मिक वक्ता सम्मानित हुए पत्रकार शकुन रघुवंशी
-
सिटी न्यूज़2 weeks ago
डीएवी शताब्दी कॉलेज के छात्रों ने किया राजस्थान का शैक्षिक भ्रमण
-
सिटी न्यूज़2 weeks ago
घिनौना कृत्य करने वालों को फांसी की सजा मिले-कृष्ण अत्री
-
सिटी न्यूज़3 weeks ago
द्रोणाचार्य स्कूल में बच्चों ने मनाई हैलोवीन पार्टी
-
WhiteMirchi TV2 weeks ago
इससे अच्छा तो मुझे फांसी ही दे देते
-
WhiteMirchi TV2 weeks ago
बुजुर्ग क्यों जरुरी ?
-
वाह ज़िन्दगी3 weeks ago
मिलन कार्यक्रम में पूर्व छात्रों ने की परस्पर सहयोग पर चर्चा
-
सिटी न्यूज़2 weeks ago
लव लैटर फीचर फिल्म की शूटिंग का शुभारंभ