खास खबर
क्या चातुर्मास में हो सकता है राम मंदिर का भूमि पूजन

उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या नगरी में पावन राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है| तो बहुत से लोगों के मन में बात चल रही है कि यह तो चातुर्मास है| देव सो रहे हैं| इसमें कोई मांगलिक कार्य सम्पन्न नहीं हो सकता है| यदि कोई मांगलिक, शुभ, शकुन कार्य करता है तो उसको दोष लगता है| यह सभी शब्द हमने अनेक ग्रंथों, पुराणों में भी पढ़े हैं|
लेकिन ग्रन्थ, पुराण और ज्ञानी, बड़े सयानों का यह भी तो कहना है कि ”समर्थ व्यक्ति को कोई दोष नहीं” अर्थात जो व्यक्ति समर्थ होता उसे कोई दोष नहीं लगता है|
तो हमारे देश का समर्थ व्यक्ति, हमारे देश का राजा इस मंदिर के लिए भूमि पूजन करने जा रहा है और उसके लिए करने जा रहा है जो सारे संसार का मालिक है| वह परमात्मा जो पूरे संसार का राजा है, जो पूरे संसार का कल्याण करता है| जिसे कोई दोष नहीं लगता|
जब संसार के राजा को कोई दोष नहीं लगता तो हमारे देश के राजा और उसकी प्रजा को भी कोई दोष नहीं लग सकता है|
इसलिए बिना किसी चिंता के इस मांगलिक कार्य, कार्यक्रम का हिस्सा बनिये और किसी भी के दोष को ध्यान में न रखते हुए राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्य पूर्ण होने की कामना कीजिये|
आईये, जानें इस पावन मंदिर को बनाने के लिए कितने प्रयत्न किये गए –
हिंदू संगठनों ने 1813 में पहली बार बाबरी मस्जिद पर दावा किया था। उनका दावा था कि अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी।
इसके 72 साल बाद यह मामला पहली बार किसी अदालत में पहुंचा|
महंत रघुबर दास ने 1885 में राम चबूतरे पर छतरी लगाने की याचिका लगाई थी, जिसे फैजाबाद की जिला अदालत ने ठुकरा दिया था।
134 साल से तीन अदालतों में इस विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इस विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
6 अगस्त 2019 से सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई हुई। जिसके बाद मंदिर बनाने का रास्ता प्रशस्त हो गया|
खास खबर
लिंग्याज ने बनाया क्रेडिट कार्ड साइज का कंप्यूटर

बोइची-इन.वी नाम के कंप्यूटर के साथ रखा गैजेट्स की दुनिया में कदम
फरीदाबाद | शिक्षण संस्था लिंग्यास विद्यापीठ, डीम्ड-टू-बी- यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर ऐसा कुछ कर दिखाया है कि लोग अचंभित हो रहे हैं| इस बार विद्यापीठ के प्रोफेसर ने क्रेडिट साइज जितना कंप्यूटर तैयार किया गया है। इससे कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति आ सकती है|
डॉ. नंद ने बताया कि मेरे इस छोटे से कंप्यूटर के जरिए आप कोई भी काम कर सकते हैं और उस डाटा को सेव भी कर सकते है।
इनोवेटर प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार नेबताया कि इस कंप्यूटर को बनाने में पीसीबी(PCBप्रिंटिड सर्केट बोर्ड) बोर्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसे बोइची-इन.वी (असम के एक फूल का नाम) का नाम दिया गया है। जो कम जगह और कम बिजली में चलेगा| इस छोटे कंप्यूटर को अपने घर के टीवी के साथ भी जोड़ा जा सकता है।उन्होंने बताया कि इसको बनाने में काफी समय लगा लेकिन अब यह सुखद अहसास दे रहा है| ये आकार मे छोटे जरूर हैं, लेकिन इसकी भंडारण क्षमता अधिक है।
लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे का कहना हैं कि डॉ. नंद के द्वारा बनाए गए इस इनोवेशन में उनकी मेहनत और समय दोनों नजर आता है। मुझे अच्छा लगता है कि लिंग्याज के पास डॉं नंद जैसे प्रोफेसर हैं।
क्या-क्या हैं इस कंप्यूटर में
इस छोटे कंप्यूटर को लिनक्स बेस्ड ऑप्रेटिंग सिसटम के साथ मिलकर रास्पबेरी पाई नामक सर्केट बोर्ड का इस्तेमाल कर इसे तैयार किया गया है। जिसमें 4 जीबी रैम, 16 जीबी एसडी मैमोरी कार्ड लगा हुआ है। इतना ही नहीं आप इसमें 64 जीबी तक का कार्ड भी लगा सकते हैं। इस पीसीबी बोर्ड में 2 एचडीएमआई (HDMI- हाई डेफिनेशन मल्टीमीडिया इंटरफेस ) माईक्रो पोर्ट लगे हुए हैं। जिससे इसकी हाई पिक्चर क्वालिटी देखी जा सकेगी। इस कंप्यूटर में 4 यूएसबी पोर्ट है। जिसमें ऑडियो-विडियों, कैमरा, माइक्रो-फोन, हेड फोन भी अटैच किया जा सकता है। वहीं इंटरनेट की सुविधा के लिए ईथरनेट पोर्ट व वाई-फाई कनेक्शन जोड़ा गया है।इतना ही नहीं इसमें बच्चों के लिए गेम्स, पावर प्वाइंट व एक्सेल भी है।
क्या आए बदलाव
दुनिया का पहला सीपीयू(CPU) माइको प्रोसेसर बेस्ड , 1970 के दशक में Intelद्वारा बनाया गया था। तब से लेकर अब तक इसके डिजाइन और इम्पलीमेंट में कई बदलाव आ चुके हैं। परन्तु इसके Fundamental Operation अर्थात काम करने के तरीके में ज्यादा बदलाव नहीं आया है।संगणन शक्ति (Computing Power) के संदर्भ में सीपीयू एक कंप्यूटर प्रणालीका सबसे महत्वपूर्ण तत्व (Important element)है। प्रोसेसर को महत्वपूर्ण बनाने में इसके कम्पोनन्ट का बहुत बड़ा योगदान है।
खास खबर
सेक्टर 56, 56ए में नागरिकों ने बनाया पुलिस पोस्ट

स्थानीय आरडब्ल्यूए के प्रधान सतीश फौगाट के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने कायम की मिसाल
फरीदाबाद। आरडब्ल्यूए सेक्टर 56, 56ए ने सुरक्षा के लिए प्रशासन को कोसने की जगह खुद पहल कर एक मिसाल कायम कर दी है। आरडब्ल्यूए ने प्रधान डॉ सतीश फौगाट के नेतृत्व में सेक्टर 56 में एक चेक पोस्ट तैयार कर पुलिस को दे दी। इससे अब वहां अमन चैन की बहाली में पुलिस को सहयोग मिलेगा।
इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में एसएचओ सेक्टर-58 अनिल कुमार, इंचार्ज सेक्टर-55 रविंद्र कादियान को यह चेक पोस्ट जनसेवा के लिए समर्पित की गई। जिनका स्थानीय निवासियों ने बुके व फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। पुलिस अधिकारियों ने आरडब्ल्यूए की इस पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पोस्ट के बनने से यहां पुलिस नाका लगाने, संदिग्ध लोगों पर नजर रखने, सेक्टर के निवासियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर आरडब्ल्यूए के प्रधान डॉ. सतीश फौगाट ने कहा कि सेक्टरवासी सुकून और सुरक्षित माहौल में रहें, यह उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस बारे में उन्होंने स्थानीय लोगों से वार्ता कर और पुलिस विभाग के साथ मंजूरी के साथ एक चेकपोस्ट का निर्माण किया। जिसे आज सैक्टर-55 पुलिस बल को सौंप रहे हैं।
डॉ फौगाट ने बताया कि इस चेक पोस्ट के बनने से मार्किट के भीड़ भाड वाले क्षेत्र और आस पास बने हजारों फ्लैटों में रहने वाले रहवासियों का जीवन पहले से अधिक सुरक्षित रह सकेगा। ऐसा करके हजारे सेक्टरवासियों ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बढ़ चढक़र अपनी सुरक्षा अपने हाथ का नारा भी साकार किया है। इस अवसर पर महासचिव दीपक अत्री, वरिष्ठ उपप्रधान के.डी. शर्मा, कोषाध्यक्ष शोएब खान, राजकुमार जिंदल, निर्मल सिंह, बच्चू सिंह, पवन मोर, ध्रुव गुप्ता, देवेंद्र, सोनू, मुस्तफी, पारस यादव, घनश्याम, ताराचंद, जेके कौशिक, श्याम पर्वा, पप्पू मौर्य, ओम शर्मा, रामकुमार, प्रेम प्रकाश, विजय पाल, प्रदीप शर्मा, राहुल शर्मा, देवेंद्र गिरी व अन्य मौजूद रहे।
फोटो- सेक्टर 56, 56ए आरडब्ल्यूए के सहयोग से निर्मित चेक पोस्ट पुलिस को समर्पित करते प्रधान डॉ सतीश फौगाट व अन्य।
खास खबर
जिला प्रशासन की पहली इलेक्ट्रिक कार को उपायुक्त यशपाल ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

फरीदाबाद, 12 जनवरी। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि आने वाले समय में पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लए हमें इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की तरफ बढऩा होगा। इसी की शुरूआत आज हम फरीदाबाद जिला प्रशासन की पहली इलेक्ट्रिक कार के साथ कर रहे हैं। अक्षय ऊर्जा विभाग हरियाणा सरकार द्वारा यह इलेक्ट्रिक कार अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय प्रयोग के लिए दी गई है। उपायुक्त मंगलवार को लघु सचिवालय से इस इलेक्ट्रिक कार को हरी झंडी दिखा रहे थे। उपायुक्त ने कहा कि अक्षय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश के चार जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल व पंचकूला जिला को यह इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करना होगा।उन्होंने बताया कि जिला का पहला इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी लघु सचिवालय परिसर में शुरू किया गया है। इस 3.2 किलोवॉट के चार्जिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों की नि:शुल्क चार्जिंग की जा सकती है। इस दौरान उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 500 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन लगाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य प्रत्येक तीन किलोमीटर पर ई-चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध करवाना है। उन्होंने बताया कि हाईवे पर भी ई-चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध करवाने की प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ई-वाहनों के आने से पैट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहनों की खपत काफी कम होगी। इन वाहनों पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है। जिला प्रशासन को इलेक्ट्रिक कार मिली है वह टाटा कंपनी की नेक्सन ईवी कार है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान, सहायक परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा भी मौजूद थे।